मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ पार्टियां राज्य के माहौल को खराब करने में जुटी हुई हैं।
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया। चौधरी ने कहा कि सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग पूरी तरीके से अलोकतांत्रिक है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा, बसपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं। उनका यह रवैया गैर जिम्मेदाराना और अलोकतांत्रिक है। मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा को लेकर माहौल को शांत कराने के बजाए ये लोग वहां और उन्माद फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा मिलकर मुजफ्फनगर में सरकार के खिलाफ कुचक्र रच रही है और बसपा तथा रालोद उसमें सहयोग कर रही है।
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री वहां हो रही घटनाओं को लेकर बेहद चिंतित और दुखी हैं। वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और वहां की पल-पल की घटना पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन विपक्षी दल माहौल बिगाड़ने पर तुले हुए हैं।
उनके बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि सपा सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अब विपक्ष पर तोहमत लगा रही है। पिछले 10 दिनों से वहां हालात बिगड़े हुए थे लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और अब हालात बिगड़ने के बाद सारा दोष विपक्ष पर ही मढ़ा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में फैली हिंसा को देखते हुए रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह, पार्टी के महासचिव जयंत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह को गाजियाबाद में यूपी गेट के पास उस समय रोक लिया गया जब वे मुजफ्फरनगर जाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान रालोद कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प भी हुई थी।
रालोद के नेताओं के अलावा भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद को भी यूपी गेट के पास ही पुलिस ने रोक दिया था।
source : http://khabar.ndtv.com/news/show/akhilesh-yadav-blames-opposition-for-riots-39591
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